Thursday, June 11, 2009

प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए उपयोगी पाठ्य सामग्री:

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कक्षा 6 से ही तैयारी शुरू कर सकते हैं । NCERT की पुस्तकों से तैयारी करना अधिक लाभदायक होता है । इनके अभाव में राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों से भी तैयारी की जा सकती है क्योंकि इनका पाठ्यक्रम लगभग NCERT से मिलता-जुलता ही होता है सिर्फ़ प्रस्तुतीकरण में अन्तर होता है । इन पुस्तकों से गंभीरता से तैयारी करने से बच्चा कक्षा में अच्छे अंक भी पाता है तथा सामान्य अध्ययन के महत्त्वपूर्ण भागों जैसे सामान्य विज्ञान, सामान्य गणित, इतिहास, भूगोल, भारतीय राजव्यवस्था, प्रारंभिक अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिन्दी व्याकरण आदि से परिचित होने के साथ ही बच्चे में मूलभूत तथ्यों एवं अवधारणाओं की समझ विकसित होने लगती है । इसके साथ ही बच्चों को एक दैनिक समाचारपत्र के नियमित अध्ययन की आदत डालना समसामयिकी की तैयारी के लिए अधिक उपयोगी है । इससे उनमें घटनाओं के विश्लेषण करने की क्षमता विकसित होती है । 10 वीं कक्षा तक आते-आते विद्यार्थी इतने सक्षम हो जाते हैं कि लिपिकीय स्तर के पदों हेतु आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में आसानी से उत्तीर्ण हो सकें । इसके बाद 11 वीं कक्षा से विद्यार्थी अपनी रूचि के विषय में आगे बढ़ सकता है । इस समय विद्यार्थी के मस्तिष्क में भविष्य की कुछ-कुछ योजना बनने लगती है । इस स्तर पर विद्यार्थी को पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पाठ्य सामग्री जैसे विषय से सम्बंधित अच्छे लेखकों की पुस्तकों के पढने की आदत डालनी चाहिए इससे उनकी विषय पर पकड़ मजबूत होगी । इन्टरनेट पर आज के समय में पढने के लिए अंग्रेजी में तो काफी सामग्री उपलब्ध है परन्तु हिन्दी में सामग्री की काफी कमी है । उच्च कक्षाओं के विद्यार्थी तो आसानी से अंग्रेजी समझ सकते हैं अतः प्रामाणिक वेबसाइटों के माध्यम से अपने अध्ययन को सस्ता, सुविधाजनक एवं अद्यतन बना सकते हैं । व्याकरण पर अच्छी पकड़ आपकी भाषा शैली एवं अभिव्यक्ति में चार चाँद लगा देती है , अतः शुरू से ही व्याकरण पर विशेष ध्यान देने से आप अपने व्यक्तित्व में और अधिक निखार ला सकते हैं । सामान्य ज्ञान पर कुछ अच्छी पत्रिकाएँ प्रतिमाह प्रकाशित होती हैं इनमें से अपनी सुविधा एवं सामर्थ्य के अनुसार एक या दो पत्रिकाएँ खरीदकर उनके गहन अध्ययन से आपकी अकादमिक एवं प्रतियोगी दोनों ही परीक्षाओं में सहायता मिल सकती है । एक बात विशेष रूप से ध्यान रखें कि अधिक पढने से ज्यादा अच्छा है कम सामग्री को अच्छे तरीके से पढ़ना । पढने का सबसे अच्छा तरीका वही है जिससे विषयवस्तु आत्मसात हो जाए । स्नातक स्तर पर विद्यार्थी को पूर्णतः अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसके प्रति समर्पित हो जाना चाहिए । स्नातक स्तर पर आप विषयों का चयन इस प्रकार से कर सकते हैं कि उनसे आपकी लक्ष्यपूर्ति में अधिकतम सहायता मिले । इसके साथ ही सामान्य ज्ञान के अन्य पहलुओं की अवहेलना भी न करें, उदाहरण के लिए कला विषयों के छात्र गणित एवं विज्ञान से एकदम से दूर न हो जायें बल्कि थोड़ा-बहुत समय इनके अध्ययन के लिए भी सुरक्षित रखें । इसी प्रकार विज्ञान विषयों के छात्र कला विषयों जैसे इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थशास्त्र आदि पर भी ध्यान देते रहें तो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी करने की जरूरत शायद ही पड़े । लेखन के नियमित अभ्यास एवं समय का विशेष ध्यान रखकर किए गए अध्ययन से आप प्रतियोगी परीक्षाओं में समय के अभाव से आसानी से निपट सकते हैं । स्नातक हो जाने के पश्चात् आप आगे पढ़ाई जारी रखने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित हो सकते हैं या पूर्ण रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए समर्पित हो सकते हैं । प्रतियोगी परीक्षाओं में एक बात हमेशा ध्यान रखें कि आप अपना सर्वश्रेष्ठ करने के बाद भी असफल हो सकते हैं परन्तु इसके बाद भी आपको निराश होकर बैठना नहीं है बल्कि अपनी गलतियों एवं कमजोरियों से सबक लेकर उन पर अतिशीघ्र काबू पाना है ताकि अगली बार असफलता आपके आसपास भी न फटके ।


कुछ प्रमुख अध्ययन सन्दर्भ
 

* NCERT की पुस्तकें कक्षा 6 से 12 तक (http://ncert.nic.in/) पर निशुल्क उपलब्ध ।

* प्रतियोगिता दर्पण मासिक पत्रिका (http://www.pdgroup.in/emagazine/) पर निशुल्क उपलब्ध ।

* सिविल सर्विसेस क्रोनिकल (सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अत्यधिक उपयोगी)।
* COMPETITION SUCCESS REVIEW (ENGLISH/हिंदी)।

* भारत इयर बुक (http://www.publicationsdivision.nic.in/) पर निशुल्क उपलब्ध ।

* गूगल सर्च के माध्यम से आप विभिन्न विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

* http://www.dailychhattisgarh.com पर उपलब्ध निशुल्क E PAPER का पृष्ठ 7 (वेबसाइट पर पुराने अंक भी उपलब्ध हैं) ।

* कोई एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र (आप चाहें तो E PAPER भी पढ़ सकते हैं) ।

* विभिन्न सरकारी विभागों/मंत्रालयों की वेबसाइट्स ।

* विभिन्न प्रकार के नक्शों के लिए गूगल अर्थ, www.mapsofindia.com/ आदि की सहायता ले सकते हैं ।

* EMPLOYMENT NEWS/रोजगार समाचार साप्ताहिक पत्र ।

* WWW.UPSCPORTAL.COM पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अच्छी सामग्री उपलब्ध है । यहाँ पर आपको SOLVED PAPERS, ASPIRANT TIMES MONTHLY GK MAGAZINE, GOVT JOBS की जानकारी आदि उपलब्ध हो जाएगी ।









Wednesday, June 3, 2009

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यावश्यक कुछ बातें :

* सुबह जल्दी उठें, नित्यकर्म एवं स्नान से निवृत्त होकर कुछ समय ईश्वर आराधना में अवश्य दें । यह आपको दिन भर के लिए पर्याप्त मानसिक ऊर्जा संचित करने में अत्यधिक सहायक है .

* अपनी दिनचर्या नियमित एवं संयमित रखें ।

* अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें, खाना सात्विक हो तो ज्यादा अच्छा होगा ।

* मानसिक एकाग्रता को बनाये रखने के लिए उपरोक्त बातों का ध्यान रखना लाभदायक होगा ।

* अपना लक्ष्य हमेशा ध्यान रखें, यह आपको लक्ष्य प्राप्ति के रास्ते में आने वाली बाधाओं को आसानी से पार करने में सहायक होगा ।

* अपने आसपास के या आपके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों से अपने सम्बन्ध मधुर बनाये रखिये । यह आपको लक्ष्य प्राप्ति में अत्यधिक सहायक होगा ।

* आस्तीन के साँपों से हमेशा सावधान रहिये, ये आपको कभी भी अपने लक्ष्य से भटका सकते हैं ।

* अपने माता-पिता एवं गुरुजनों का सम्मान करिए । आपकी सफलता इनके आशीर्वाद के बिना सम्भव नहीं है ।

* उपरोक्त बातों को अपने जीवन में अपनाकर आपने सफलता लगभग प्राप्त कर ली है, देर है तो सिर्फ़ समय की ।

* अब पूरे जोश से अध्ययन में लग जाइये ।

* अध्ययन की रुपरेखा तैयार करिए, इसके लिए अपने लक्ष्य के अनुरूप आवश्यक पुस्तकों का संग्रह करिए ।

* पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने नोट्स अवश्य बनायें । नोट्स संक्षिप्त एवं सारगर्भित हों ताकि परीक्षा के समय आप कम समय में इन्हें दोहरा सकें।

* सर्वप्रथम पाठ्यक्रम के उन बिन्दुओं का चयन करें जो सरल हों, इन पर अपनी पकड़ मजबूत बनायें । इसके बाद कठिनतर बिन्दुओं पर ध्यान दें ।

* अंकगणित, सामान्य अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल के अपेक्षाकृत स्थाई तथ्य (भौगोलिक संरचनाएं, देश एवं निवासी, कृषि आदि), भारतीय राजव्यवस्था, सामान्य विज्ञान(दैनिक जीवन में उपयोगी), सामान्य मानसिक योग्यता आदि ऐसे क्षेत्र हैं जिनसे लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के ८०-९०% प्रश्न पूछे जाते हैं ।

* एक बार इन क्षेत्रों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के बाद आप निश्चिंत होकर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी बड़े ही आराम से कर सकते हैं ।

* परीक्षा के स्वरूप को अवश्य ध्यान में रखें । वस्तुनिष्ठ परीक्षा में आपसे केवल सही उत्तर पहचानने की अपेक्षा की जाती है परन्तु वर्णात्मक परीक्षा हेतु विस्तृत ज्ञान होना आवश्यक है ।

* साक्षात्कार हेतु आपके ज्ञान के साथ ही आपके हावभाव तथा पहनावा भी महत्त्वपूर्ण हैं । इनका अवश्य ध्यान रखें ।

* अपने पढ़े हुए बिन्दुओं के नियमित दोहराव हेतु प्रतिदिन कुछ समय अवश्य दें, याद रखिये नियमित दोहराव के बिना आप कभी भी परीक्षा में आत्मविश्वास के साथ नहीं बैठ सकते । यदि आपने अपना पढ़ा हुआ दोहराया नहीं है तो परीक्षा हॉल के तनाव में आप अनचाही गलतियाँ करके अपने को सफलता से दूर कर सकते हैं ।

* परीक्षा के कुछ समय पूर्व पढ़ना बंद कर अपने मस्तिष्क को एकाग्र बनाये रखने पर जोर दीजिये । परीक्षा के लिए जाते समय की पढ़ाई आपको भ्रम में भी डाल सकती है ।

* प्रश्नपत्र का एक बार अध्ययन अवश्य करें । यह आपके मस्तिष्क को इसे हल करने की रुपरेखा बनाने के लिए आवश्यक है ।

* हो सकता है कि प्रश्नपत्र अत्यधिक कठिन आया हो तब भी आपको विचलित होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यहाँ पर आपके सामने उसे हल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है । प्रश्नपत्र अत्यधिक सरल भी हो सकता है, तब आपको और अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसे में गलतियों की सम्भावना भी बढ़ जाती है । याद रखिये किसी भी परीक्षा का उद्देश्य आपके ज्ञान के साथ-साथ विपरीत परिस्थितियों में आपके मानसिक संतुलन को परखना भी होता है ।

* किसी भी परीक्षा के बाद एक-दो दिन विश्राम कर पुनः अपनी सामान्य तैयारी में लग जाइये । परिणाम की प्रतीक्षा में समय बर्बाद करने से कोई फायदा नहीं है ।

* किसी भी सफलता के पश्चात् अपने माता-पिता, गुरुजनों एवं मित्रों को धन्यवाद देना न भूलें । याद रखें आपकी सफलता में इन सभी व्यक्तियों का महत्त्वपूर्ण योगदान है ।

* असफलता की स्थिति में निराश न होकर उन कमियों पर ईमानदारी से गौर करें जिनके कारण आप असफल हुए, इन कमियों को जल्दी से जल्दी दूर करें । अपने माता-पिता, गुरुजनों एवं मित्रों से इस संबन्ध में मार्गदर्शन लें । 

* एक बात जो सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है - हर परिस्थिति में अपना धैर्य बनायें रखें । यह आपकी सफलता का सब से महत्त्वपूर्ण तत्त्व है ।

आत्मपरिचय :

नाम: अविनाश
जन्म स्थान : बुंदेलखंड की काशी हटा नगरी
शिक्षा : बी ए, PGDCA

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